How to Be Proactive
How to Be Proactive – हाय दोस्तों हम वही बनते हैं जो हम खुद बनना पसंद करते हैं यह हमारे ही नतीजे होते हैं जो हमें अच्छा या बुरा इंसान बनाते हैं
We are who we choose to be.

जो आज हम हैं उसके जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं इस फोन करने के अकॉर्डिंग दो तरह के इंसान होते हैं
1 – Reactive
2 – Proactive
पहला रिएक्टिवेशन दूसरा प्रोजेक्ट दोस्तों अगर आपको एक प्रोजेक्ट इंसान बनोगे तो आप लाइफ में जल्दी कामयाब हो सकते हो। How to Be Proactive
Reactive इंसान किसे कहते हैं ?
अगर किसी गलती होने पर उन्हें डांटना यह बताना तो यह इसी बात से ही दूसरों को बुरा भला कहना और अपना सारा काम छोड़ कर बैठ जाता है
और अपना सारा समय बर्बाद कर लेता है यह सोच कर कि उसने मुझे क्यों डांटा उसकी हिम्मत कैसे हुई रिएक्टिव लोग छोटी-छोटी बातों को जल्दी स्वीकार करके उन्हें मान लेते हैं
और उन पर अपना समय देश बेकार कर देते हैं सोच सोच कर यह इंसान Reactive इंसान कहलाते हैं दूसरे टाइप के बे होते हैं
Proactive इंसान किसे कहते हैं ?
ये इंसानवह होते हैं जो अपनी मर्जी के अनुसार चलते हैं जब तक यह ना चाहे इन्हें कोई भी दुखी सेंड नहीं कर सकता कोई इन्हें अपने लक्ष्य से नहीं भटका सकता जब तक की ये खुद ना चाहे ।
दोस्तों इसीलिए जरूरी है कि हम भी प्रोजेक्ट बने हम भी लोगों की बातों में ना आए कभी लोगों की बातों को सही से सोचे और फिर उस पर विचार करें तभी उस पर
कोई रिएक्शन ले इसलिए हम यही आप सबको प्रोजेक्ट भी बनना चाहिए यह तो लोगों की क्वालिटी के बारे में बात करते हैं।
Reactive ओर Proactive इंसान में अंतर
1 – Quality
Responsibility > Blaming
Reactive इंसान
यह लोग अपनी करंट स्थिति के लिए दूसरों को ब्लेम करते हैं और अगर मैं गरीब हूं तो यह फिल्म अपने पैरंट्स को करेंगे और अपनी स्थिति को करेंगे कि मैं गरीब हूं
लेकिन प्रोएक्टिव इंसान की सोच यह लोग अपनी करंट स्थिति खुद रिस्पांसिबिलिटी लेते हैं बल्कि खुद ही अपनी स्थिति बदलने की जिम्मेदारी लेते हैं
और हर संभव प्रयास करते हैं अमेरिका में होने के लिए दूसरा है सलूशन और प्रॉब्लम रिएक्टिव इंसान यह लोग हमेशा अपनी प्रॉब्लम की ही बात करते हैं
और प्रॉब्लम को कैसे दूर करें यह नहीं सोचते यह लोग वही सोचते हैं जो इन्हें जो यह नहीं कर सकते जैसे अगर इंटरव्यू है और बारिश हो रही है
मैं बाइक से कैसे जाऊं या बारिश हो रही है इंटरव्यू बारिश खत्म हो जाएगा फिर चला जाऊंगा थोड़ा एक्टिव इंसान की सोच यह लोग अपनी समस्याओं को समझते हैं
और जल्दी से समस्या से निपटने के लिए एक्शन लेते हैं फीलिंग बीएफ रिकॉर्डिंग अपने एक्शन लेते हैं इंसान हमेशा फीलिंग के चलते लेते हैं
नया सीखना
प्रोएक्टिव इंसान हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते है जुडी नयी चीजें सीखना नयी नयी जानकारी प्राप्त करना और उस जानकारी को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए उपयोग करना।
प्रोएक्टिव इंसान हर काम की बहुत अच्छे जानकारी रखता है उसे सब चीजें को खुद से लक्ष्य की और पहुंचना ही और हर संभव प्रयास करता हैं। प्रोएक्टिव इंसान जो सोचता है उसे करते भी देखता हैं।
इसलिए दोस्तों हमें भी एक प्रोएक्टिव इंसान बनाना चाहिए और खुद ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्युकि सिर्फ वही इंसान सबसे ज्यादा फेमस होता है जो अपनी सफलता की जिम्मेदारी खुद लेता हैं।